The smart Trick of sidh kunjika That No One is Discussing
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥ ९ ॥
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् more info ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
This is certainly prayer in the Kunjika which is The rationale for awakening. Oh Parvathi, preserve this shielded and held secret from those people who are not devotees.
ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,